Subrata Roy Sahara: देश के बड़े औद्योगिक घराने सहारा ग्रुप के चेयरमैन सहाराश्री सुब्रत राय सहारा का निधन हो गया है। उद्योग जगत में सहाराश्री के निधन से शोक की लहर दौड़ गई है।
सुब्रत रॉय सहारा का मुंबई के एक अस्पताल में मंगलवार रात को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। सहारा श्री लंबे समय से निवेशकों का पैसा न लौटाने को लेकर सजा काट रहे थे।सहारा सेबी विवाद में वो बेल पर जेल से बाहर थे। सहारा से मिली जानकारी में बताया गया है कि सुब्रत राय को मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी थी। यानी कैंसर जो शरीर के कई हिस्सों में फैल गया था।
क्या है मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी
मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी एक गंभीर स्थिति है जिसमें कैंसर कोशिकाएं अपने मूल स्थान से शरीर के अन्य भागों में फैल जाती हैं। यह रक्तप्रवाह या आस-पास के ऊतकों के प्रत्यक्ष आक्रमण के माध्यम से हो सकता है। एक बार कैंसर कोशिकाओं का प्रसार हो जाने के बाद, वे प्रभावित अंगों में नए ट्यूमर बना सकती हैं। जिससे विभिन्न लक्षण और जटिलताएं हो सकती हैं।मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी कैंसर से होने वाली मौत का सबसे आम कारण है। यह अनुमान लगाया गया है कि कैंसर से होने वाली लगभग 90% मौतें मेटास्टेसिस के कारण होती हैं। मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी का इलाज कैंसर के प्रकार, फैलने की सीमा और व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।शरीर के कई हिस्सों में फैलने के बाद इलाज मुश्किल होता है। डॉक्टर आम तौर पर बीमारी के साइड इफेक्ट को रोकने की कोशिश करते हैं।
बिहार में हुआ था सुब्रत रॉय का जन्म
बिहार के अररिया में 10 जून 1948 के दिन सुब्रत रॉय का जन्म हुआ था। उनके पिता सुधीर चंद्र रॉय मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे। सुब्रत बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी होशियार थे। ऐसे में उन्होंने गोरखपुर स्थित सरकारी तकनीकी संस्थान से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद कई नामी-गिरामी कंपनियों में जॉब भी की थी। इसके बाद उन्होंने सहारा समूह की स्थापना की और सफलता की उन बुलंदियों को हासिल किया, जो आम आदमी के लिए सपने सरीखी होती हैं।
सिनेमा से एयरलाइन तक आजमाया हाथ
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सुब्रत रॉय ने न सिर्फ रियल एस्टेट की दुनिया में नाम कमाया, बल्कि उन्होंने एयरलाइन से लेकर सिनेमा की दुनिया तक में जमकर हाथ आजमाया। आलम यह रहा कि किस्मत ने भी उनका बखूबी साथ दिया और वह तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते चले गए।
सुब्रत रॉय कभी अरबों के मालिक थे
बता दें कि एक जमाना ऐसा भी रहा, जब सुब्रत रॉय का सहारा समूह करीब एक दशक तक भारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस जमाने में सहारा समूह की संपत्ति 11 अरब डॉलर के पार थी। बीबीसी की 2014 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क के प्लाजा होटल और लंदन के ग्रॉसवेनर हाउस पर भी सुब्रत रॉय का मालिकाना हक रहा। इसके अलावा वह फॉर्म्युला वन रेसिंग टीम के मालिक भी रहे।
सुब्रत रॉय की पत्नी और बेटे ने ले रख्खी है नागरिकता
बहुत कम लोगों को मालूम है कि सहारा श्री सुब्रत रॉय की पत्नी और बेटे सुशांतो रॉय ने भारत की नागरिकता को छोड़कर बॉल्कन देश मैसेडोनिया की नागरिकता ले ली थी। उन्होंने यह नागरिकता भारतीय कानून से बचने के लिए ली थी। सहारा श्री के खिलाफ निवेशकों का पैसा न लौटाने को लेकर कई मामले चल रहे थे। ऐसे में उनके परिवार के सदस्यों ने दूसरे देश की नागरिकता लेकर खुद को भारतीय कानून से दूर करने की कोशिश की थी।
मैसेडोनिया दक्षिण पूर्वी यूरोप में स्थित देश है। यह एक नया देश है, जो निवेश के लिए लोगों को नागरिकता प्रदान करता है। रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी नागरिक जो मैसेडोनिया की नागरिकता लेना चाहता है, उसे बस 4 लाख यूरो के निवेश करने की घोषणा करनी होती है और 10 स्थानीय लोगों को नौकरी देनी होती है। ऐसा करने से उसे मैसेडोनिया की नागरिकता आसानी से मिल सकती है। इसके अलावा जो विदेशी मैसेडोनिया के रियल एस्टेट में 40 हजार यूरो से अधिक का निवेश करता है, उसे एक साल तक रहने का अधिकार मिल जाता है। मैसेडोनिया ऐसा अपने देश में बेरोजगारी की दर को कम करने के लिए कर रहा है। मैसेडोनिया में बरोजगारों का संख्या काफी अधिक है।
सहारा श्री के मैसेडोनिया के साथ अच्छे थे रिश्ते
रिपोर्ट्स से अनुसार, सुब्रत रॉय सहारा के मैसेडोनिया के साथ काफी अच्छे रिश्ते थे। वह कई बार मैसेडोनिया के राजकीय अतिथि भी रह चुके थे। उन्होंने मैसेडोनिया में मदर टेरेसा की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की भी पेशकस की थी। उन्होंने वहां एक कसीनो बनाने का भी प्रस्ताव दिया था। मैसेडोनिया पहले युगोस्लाविया का हिस्सा था। बाद में वह 1991 में आजाद हो गया और 1993 में संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बना।

Author: Adv Vinod Kumar
न्यूज 21 भारत