साईप्रसाद महेंद्रकर/कोल्हापुर. सबके आराध्य देव गणपति बप्पा जल्द ही आने वाले हैं. गणेश जी के कुछ रूप या मूर्तियां हमेशा हमारे मन में घर कर जाती हैं. ऐसे ही एक गणेश हैं ‘लालबाग के राजा’. मुंबई के लालबाग के राजा का कोल्हापुर से सीधा रिश्ता है. कोल्हापुर के अरविन्द वेदांते गुरुजी कई वर्षों से इस गणराय की पुरोहिती करते आ रहे हैं. यह परंपरा 1980 से चली आ रही है.
वेदांते गुरुजी कौन हैं?
लालबाग के राजा के मुख्य पुजारी अरविंद वेदांते गुरुजी कोल्हापुर के रहने वाले हैं. उनका पैतृक गांव बहिरेश्वर है. इसलिए वे फुलेवाड़ी में रहते हैं, लेकिन पिछले कई साल से वे हर साल लालबाग के राजा की सेवा के लिए कोल्हापुर से मुंबई जाते रहे हैं.
इस तरह लालबाग के राजा की हुई शुरुआत
दरअसल, ‘लालबाग के राजा’ मुंबई के एकमात्र गणेश हैं, जिनके नाम से मुंबई के सार्वजनिक गणेशजी मशहूर हैं. इस गणेश जी को सबसे पहले 1934 में मुंबई में कोली बंधुओं द्वारा स्थापित किया गया था. तब उन्हें ‘गरमखाद्य के गणपति’ के नाम से जाना जाता था, क्योंकि पास में ही एक बड़ा तालाब खोदा गया था और पड़ोस की दिग्विजय मिल के बॉयलर का गर्म पानी उसमें बहा दिया गया था. कुछ समय बाद इसका नाम ‘गरमखड़ा न्यू मार्केट के गणपति’ रख दिया गया, लेकिन व्यापारियों और कोली समुदाय की नजर में वह उनकी हर इच्छा पूरी करने वाले ‘राजा’ थे. वह दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे कि यदि भक्त उनसे मन्नत मांगते थे तो वे उनकी हर इच्छा पूरी कर देते और सच्चे दिल से उन्हें आश्वासन देते कि इच्छा पूरी होने पर वह उसे श्रद्धापूर्वक पूरा करेंगे. इस प्रकार धीरे-धीरे वह ‘प्रतिज्ञाओं का राजा’ बन गए.
अरविंद वेदांत मुख्य पुजारी बने
मालवण के पटवर्धन भट्टजी को लालबाग के राजा गणेश मंडल ने गणेश पूजा के लिए नियुक्त किया था. उनके बाद अरविंद वेदांते ने 1980 में लालबाग के राजा की पूजा शुरू की. वेदांते उस वक्त पढ़ाई के लिए मुंबई गए हुए थे. वेदांते के पटवर्धन के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध थे. वेदांते ने भी उनसे शास्त्रों का ज्ञान लिया. पटवर्धन के बाद अरविंद वेदांते ने सार्वजनिक गणेश मंडलों के कार्यकर्ताओं से गणेश पूजा के बारे में पूछा. तब से अरविंद वेदांते लालबाग के राजा के मुख्य पुजारी हैं.
वेदांते निभाते हैं गुरुजी लालबाग के राजा की सभी रस्में
अरविंद वेदांते गणेशोत्सव के दौरान दस दिनों के लिए कोल्हापुर से मुंबई जाते हैं और लालबाग के राजा की पूजा करते हैं. हालांकि, गणेशोत्सव के अलावा, वेदांते गुरुजी को लालबाग के राजा के मुहूर्त या पद्यपूजन समारोह, मंडप पूजन के दौरान भी बुलाया जाता है. गणेशोत्सव के दौरान उन्हें बात करने का भी समय नहीं मिलता. प्रतिदिन सुबह 5.30 बजे से रात 9.30 बजे तक आरती तक वेदांते गुरुजी लालबाग राजा के चरणों में रहते हैं. वे आने वाले हर भक्त से पूजा सामग्री, प्रसाद, प्रसाद स्वीकार करते हैं और भगवान को चढ़ाते हैं. साथ ही वेदांते गुरुजी द्वारा भगवान की पूजा, आरती आदि भी की जाती है.
गणेश चतुर्थी पर एक झलक पाने के लिए लगती है लाइन
गणेशोत्सव के दौरान लालबाग के राजा की एक झलक पाने के लिए लाखों भक्त मंडियाली आते हैं. वेदांते गुरु जी हर साल गणेश चतुर्थी पर लाल बाग के राजा का अनुष्ठान करते हैं. गणेश चतुर्थी पर वेदांत गुरुजी को सुबह 3.30 बजे मंच पर जाना होता है. सभी व्यवस्थाएं और तैयारियां पूरी करने के बाद सुबह 4.30 बजे गणेश जी की प्राणप्रतिष्ठापना अनुष्ठान शुरू होता है.
वेदांते ने कहा कि मंडप खोलने और गणेश मंडल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ने के बाद, भक्तों को लालबाग के राजा के दर्शन करने की अनुमति दी जाती है. अमीर-गरीब, जवान-बूढ़े सभी लालबाग के राजा के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। इसमें उद्योगपति, कलाकार, राजनेता, खिलाड़ी और कई बड़े नाम शामिल हैं. उनमें से प्रत्येक को लालबाग के राजा से कुछ न कुछ मांगना है. इन सभी का अभिवादन राजा तक पहुंचाने का पुण्य कार्य करना मैं अपना सौभाग्य मानता हूं.
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Tags: Dharma Aastha, Ganesh, Ganesh Chaturthi, Kolhapur S13p47, Lalbaugcha Raja, Maharahstra, Mumbai
FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 13:59 IST

Author: Adv Vinod Kumar
न्यूज 21 भारत