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मायाबाजार के दर्जनों गाँव में लौटनराम निषाद ने किया जनसंपर्क,बरईपारा में जनचौपाल
गोसाईंगंज (अयोध्या)। विधानसभा चुनाव -2027 अपने आप में बहुत ही अहम है। अगर सपा की सरकार नहीं बनी तो ओबीसी,एससी समाज 90 के दशक से पूर्व से भी बदतर स्थिति में पहुँच जायेगा। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी के संविधान से पिछड़े दलित वर्ग को जो अधिकार मिला है,आरएसएस नियंत्रित भाजपा उसे खत्म कर ओबीसी,एससी,एसटी विरोधी गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ़ थॉट्स की नीतियों को लागू कर ग़ुलाम व अधिकार विहीन बना दिया जायेगा। मायाबाजार विकास खंड के रामपुर बैहारी, रामपुर जाम, सिलौनी, जमुनीपुर, जरही, सराय सागर, रातेंनपुर, बीकापुर, रेहड़ी, मेदनीपुर, रामनगर मिसरौली, पकरैला में जनसंपर्क के बाद कबीरपुर में श्यामनारायण मौर्या प्रधान के संयोजकत्व एवं अवधेश कुमार यादव प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित पीडीए जनचौपाल को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौ. लौटनराम निषाद ने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि सपा की सरकार 2027 में बनना पिछड़ों दलितों के लिये बहुत ही आवश्यक है। दुर्भाग्यवश फिर भाजपा की सरकार बन गयी तो चट्टी -चौराहे पर बैठना तो दूर, खड़ा होना भी मुश्किल हो जायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा छल -कपट, झूठ -फरेब व नफ़रत की राजनीति करती है, उससे सावधान रहने की जरूरत है। उन्होने कहा कि साधु-मठाधीश का सत्ता की कुर्सी पर बैठना ही राज्य के लिये अशुभ माना जाता है। अपने को साधु, संन्यासी, योगी कहने वाला व्यक्ति ज़ब बार बार कोरा झूठ बोले तो समझिये वह कितना बड़ा धूर्त और सामंती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विधानसभा के अंदर तीन बार से 86 में 56 यादव एसडीएम का झूठा आरोप तो लगाते हैं, पर आज तक सूची नहीं दे पाए, क्या यही एक योगी व संन्यासी का चरित्र है?
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लौटन राम निषाद ने कहा कि अगली बार दगाबाज विधायक को सबक सिखाना है जो कहता था कि नेता जी जूता से मारकर भी भगाएंगे तो नहीं जाऊंगा,वही राज्यसभा चुनाव में भगोड़ा बन गया।उन्होंने कहा कि भाजपा ने 17 अतिपिछडी व योगी आदित्यनाथ ने निषाद जातियों के साथ वादाखिलाफ़ी व क्रूर मजाक किया है। उसने 17 अतिपिछडी जातियों को आरक्षण तो दिलाया नहीं, नेताजी व अखिलेश यादव जी द्वारा भेजे प्रस्ताव को ही शून्य कर दिया। निषाद मछुआरा जातियों के सभी परम्परागत अधिकारों व वंशानुगत पेशों को सार्वजनिक कर सामंतों के हाथों नीलाम कर दिया। अखिलेश यादव की सरकार ने 2013 में निषाद समाज की पहचान बढ़ाने के लिये 5 अप्रैल को निषादराज जयंती का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था, मुख्यमंत्री बनते ही योगी ने खत्म कर दिया। सांसद रहते योगी आदित्यनाथ निषाद, मल्लाह, केवट, मांझी को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग करते थे, अब इस पर चुप्पी क्यों साध लिये हैँ? योगी जी क्षत्रिय कुल में पैदा होने पर गर्व महसूस करते हैँ, तो कहाँ चली गयी रघुकुल की रीत यानि “रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाय पर बचन न जाई।”
कार्यक्रम संयोजक श्यामनारायण मौर्या ने कहा कि जिस भाजपा ने मंडल कमीशन या पिछड़े वर्ग के आरक्षण के विरोध में कमण्डल यात्रा शुरू किया, भला वह कैसे पिछड़ों का भला सोच सकती है।भाजपा में जो भी पिछड़े -अतिपिछड़े, दलित है, उनका जमीर मर गया है, निजस्वार्थ में भाजपा के ग़ुलाम बन गए हैं।
अध्यक्षीय सम्बोधन में अवधेश कुमार यादव प्रधान ने कहा -“गोसाईंगंज की यही पुकार, अबकी बार पीडीए उम्मीदवार। ” भाजपा ने यादवों के विरुद्ध अतिपिछडी जातियों को झूठ बोलकर अपने पाले में कर लिया और पिछड़ों दलितों के वोट से सरकार बनाने के बाद इनकी खुलेआम हकमारी कर रही है। पीडीए जनचौपाल को रामकुमार चौहान, राधेश्याम निषाद, संजय कुमार निषाद, विजय पाल, राजित राम निषाद, रीना यादव प्रधान, माधुरी रंजन प्रधान, दीपक भारती, रामू कोरी,विजय कुमार वर्मा, चंद्रशेखर विश्वकर्मा, राजेश गुप्ता, सुरेश जायसवाल, दयाराम शर्मा, आज्ञाराम वर्मा प्रधान, संजय कुमार आदि ने सम्बोधित किया।
ब्यूरो रिपोर्ट

Author: Adv Vinod Kumar
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