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संवैधानिक निषाद यात्रा के झाँसे में न आये निषाद समाज-लौटनराम निषाद

न्यूज 21भारत जौनपुर

निषाद पार्टी संजय निषाद एंड फैमिली की प्रा. लि. लूट कम्पनी है।

सपा सरकार ने निषाद समाज को जो अधिकार दिया था, उसे भाजपा ने छीन लिया।

बदलापुर (जौनपुर ),11 फ़रवरी। बदलापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नेवादा और मीरशादपुर निषाद बस्ती में निषाद पीडीए जनपंचायत किया गया।जनचौपाल को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लौटनराम निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी के नाम पर निषाद समाज को झूठा झाँसा देकर संजय निषाद ने निषादों के मत्स्य पालन व बालू मोरम खनन पट्टा के अधिकार को छीनवाकर उस पर मत्स्य व बालू माफियाओं का कब्जा कराकर निषाद समाज को अधिकार विहीन करा दिया।उन्होंने कहा कि निषाद आरक्षण संवैधानिक यात्रा को नाटकबाजी करार देते हुए कहा कि संजय निषाद महाठग और नंबर एक का फरेबी है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के नाम पर झूठा लालच दिखाकर भोले भाले निषाद समाज से लूटपाट व चंदाखोरी किया। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव  और अखिलेश यादव  ने निषाद, मछुआ, केवट, मल्लाह, बिन्द, कश्यप, मांझी, धीवर,, रायकवार, बाथम, राजभर, प्रजापति आदि 17अतिपिछडी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने व मझवार, तुरैहा, गोंड, पासी तड़माली, शिल्पकार को परिभाषित कर अतिपिछडी जातियों को आरक्षण का लाभ देने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा था जो आरजीआई के पास विचाराधीन था, उसे भाजपा सरकार ने रद्द कर दिया लेकिन भाजपा का सहयोगी बन संजय निषाद समाज को गुमराह कर रहा है। अखिलेश यादव  की सरकार ने निषाद कश्यप समाज को सम्मान और पहचान देने के लिये 5 अप्रैल को निषादराज जयंती व कश्यप ऋषि जयंती का सार्वजनिक अवकाश /छुट्टी घोषित किये थे, जिसे योगी आदित्यनाथ ने खत्म कर दिया। निषाद समाज के आर्थिक विकास के लिये समाजवादी पार्टी की सरकार ने जो नियम और शासनादेश बनाया था उसे भाजपा सरकार ने सार्वजनिक कर माफियाओं के हाथों नीलाम कर छीन लिया। मंडल कमीशन व पिछड़ावर्ग आरक्षण विरोधी भाजपा कभी भी पिछड़ों, दलितों व निषाद मछुआरों की हितैषी नहीं हो सकती।

निषाद ने जनपंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि 7 जून 2015 को संजय निषाद ने चर्चा में आने के लिये कसरवल निषाद आरक्षण आंदोलन में इटावा के अखिलेश निषाद की अपने ही आदमी से गोली मरवाकर हत्या करा दिया। अखिलेश निषाद के परिवार की मदद के लिये अपने खाते में करोड़ों का चंदा लेकर रख लिया, मृतक के परिवार को एक भी रुपया न देकर स्वयं रख लिया, ऐसे निकृष्ट कफ़नचोर होते हैँ। मृतक अखिलेश निषाद के पिता आत्माराम निषाद को अखिलेश यादव  ने मेरे प्रयास से 20 जून 2016 को 10 लाख का चेक दिए। संजय निषाद एक तरफ निषादों को अधिकार दिलाने की बात कर भोले भाले निषाद समाज को लॉलीपॉप दिखाता है, दूसरी तरफ सपा सरकार ने 1994 में मत्स्य पालन पट्टा व बालू खनन का पूरा अधिकार निषाद मछुआ समुदाय को दिया था उसे भाजपा सरकार ने सार्वजनिक कर छीन लिया। कल्याण सिंह की सरकार ने 1992 व मायावती की सरकार ने 2008 में गंगा आदि नदियों को मत्स्याखेट व शिकारमाही के लिये नीलाम करने का शासनादेश जारी किया उसे हमने राष्ट्रीय निषाद संघ के माध्यम से आंदोलन कर वापस कराया, इस बार खुद मत्स्यमंत्री संजय निषाद शासनादेश बनवाकर नीलाम कराने के काम में जुटा हुआ है। 25 जुलाई 2021 में सन ऑफ़ मल्लाह मुकेश सहनी और हम 18 जिलों में 35-35 फ़ीट ऊँची वीरांगना फूलन देवी की प्रतिमा लगवाने जा रहे थे जिसे संजय निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर लगने नहीं दिया।

निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी निषादों की हितैषी नहीं बल्कि संजय निषाद एंड फैमिली की प्रा. लि. लूट व सौदेबाज कम्पनी है। भाजपा गठबंधन में निषाद पार्टी को शाहगंज, सुल्तानपुर, ज्ञानपुर, हंडिया, अतरौलिया, कटेंहरी, मेंहदावल, खड्डा, कालपी, तमकुहीराज, बांसडीह से जो सीटें मिली, उसे सामंती ठाकुर, ब्राह्मण व भूमिहारों को 4 से 8 करोड़ में बेच दिया, निषाद समाज को क्या मिला, क्या निषाद समाज सिर्फ चंदा व भीड़ जुटाकर संजय निषाद के परिवार को नेता, सांसद, विधायक, मंत्री बनाएगा? शाहगंज से निषाद पार्टी के विधायक रमेश यादव हैं जिन्होंने जेसीबी से निषादराज की प्रतिमा को ढहा दिया। जनपंचायत के अंत में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कर संविधान, लोकतंत्र और प्रतिनिधित्व के अधिकार को बचाने के लिये भाजपा को हराने का संकल्प लिया गया। निषाद जनपंचायत को रामबिलास निषाद, रामधनी बिन्द, रामकुमार केवट, चंदन निषाद, फूलचंद निषाद, विमला बिन्द प्रधान, धर्मेंद्र बिन्द, सुरेन्द्र बिन्द, राधेश्याम निषाद, सुशीला निषाद ने भी सम्बोधित किया।

ब्यूरो रिपोर्ट जौनपुर

Adv Vinod Kumar
Author: Adv Vinod Kumar

न्यूज 21 भारत

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